भरखरा गाँव की अन्य जानकारियाँ
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भरखरा गाँव की अन्य जानकारियाँ |
भरखरा के सबसे नजदीक शहर
भरखरा का सबसे नजदीक शहर बक्सर है जो की भरखरा ले लोगों के लिये मुख्य बाज़ार भी है ! भरखरा के आस पास कई छोटे मार्केट भी है ! भलुहाँ, सरेंजा, राजपुर और ये तीनों गाँव भरखरा से लगभग 3 किलोमीटर, 4 किलोमीटर और 5 किलोमीटर की दुरी पर स्थित हैं जहाँ से लोग अपनी जरुरत की चीजों को खरीदते हैं !
भरखरा का सबसे नजदीक बस पड़ाव
भरखरा, बक्सर - कोचस मुख्य मार्ग से जुड़ा हुवा है इसलिए इस गाँव का खुद का अपना बस पड़ाव है जहाँ से आपको बक्सर, कोचस और सासाराम जाने के लिये बस मिल जायेगी ! भरखरा के बस पड़ाव से आपको टाटा, बोकारो और राँची जाने के लिये भी बस मिल सकती है मगर उसके लिये आपको टिकट अग्रिम बुक कराना पड़ेगा !
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भरखरा का सबसे नजदीक बस पड़ाव |
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भरखरा बस पड़ाव |
भरखरा का सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन
भरखरा का सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन चौसा है जो की भरखरा से 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है ! चौसा रेलवे स्टेशन एक छोटा रेलवे स्टेशन है इसलिये यहाँ पर कुछ रेल ही रुकती हैं जिसके कारण भरखरा और अन्य गाँव के लोगो को एक्सप्रेस और सुपरफास्ट रेल पकड़ने के लिये बक्सर रेलवे स्टेशन जाना पड़ता है जो की भरखरा से 23 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है !
भरखरा कैसे पहुँचे
भरखरा, बक्सर - कोचस मुख्य मार्ग से जुड़ा हुवा है ! अगर आप भरखरा जाना चाहते हैं तो आप बक्सर या कोचस से बस या टैक्सी पकड़ कर 45 मिनट में भरखरा पहुँच सकते हैं ! अगर आप रेल से आ रहे हैं तो आप चौसा रेलवे स्टेशन पर उतर कर वहाँ से टैक्सी पकड़ कर भरखरा 20 मिनट में पहुँच सकते हैं ! बक्सर - कोचस मुख्य मार्ग रोड की हालत बहुत अच्छी है अगर आप अपने कार या मोटरसाइकिल से आना चाहते है तो बक्सर या कोचस से लगभग 35 मिनट में भरखरा पहुँच सकते हैं !
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भरखरा कैसे पहुँचे |
भरखरा के डॉक्टर
भरखरा गाँव के कई लोग डॉक्टर है जो कि देश के बिभिन्न क्षेत्रों में सेवा कर रहें हैं मगर अफसोस की बात यह है की भरखरा गाँव में नाही प्राइवेट और नाही कोई सरकारी अस्पताल है ! भरखरा गाँव के लोगों को इलाज के लिये आस पास के गाँव जैसे भलुहाँ, सरेंजा और राजपुर जाना पड़ता है जहाँ पर अस्पताल मौजूद है ! भलुहाँ, सरेंजा और राजपुर भरखरा से 3 किलोमीटर, 4 किलोमीटर और 5 किलोमीटर की दुरी पर स्थित हैं, राजपुर में एक सरकारी अस्पताल है जहाँ पर गाँव के ज्यादातर लोग जाकर अपना ईलाज करवाते हैं !
भरखरा में टैक्सी की सुविधा
भरखरा गाँव में कई लोग टैक्सी ड्राइवर है कुछ लोगों की खुद की अपनी टैक्सी है और कुछ लोग किसी और की टैक्सी चलाते हैं ! अगर आपको टैक्सी कि जरुरत है तो आप उनको अपने आवश्यकता अनुसार बुकिंग कर सकते हैं !
भरखरा का मनोरंजन
भरखरा के लोग मनोरंजन के लिये क्रिकेट खेलना, गाना सुनना और डांस करना पसंद करते हैं ! वहीं दुसरे तरफ भरखरा के कुछ लोग राजनीती और राजनीती से जुड़े विषय पर चर्चा करके अपना मनोरंजन करते हैं ! भरखरा गाँव में सभी धर्म के लोग मिलजुल कर होली और दुर्गापूजा जैसे त्योहारों को बिना किसी भेद भाव के मनाते हैं ! भरखरा गाँव में हर साल दुर्गापूजा के अवसर पर गाँव के युवावों द्वारा नाटक का मंचन किया जाता है !
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भरखरा गाँव के लोगों का मनोरंजन |
भरखरा के बारे में अन्य जानकारी
भरखरा गाँव के लोगों का कहना है की 200 से 250 साल पहले इस गाँव में चुड़ैल, भुत, और बरहम रहा करते थे और वो गाँव के लोगों को परेशान किया करते थे ! अगर कोई गाँव का आदमी कही पर अकेले काम कर रहा होता था तो वो लोग वहाँ आकर उससे खैनी खिलाने के लिये बोलते थे और नही देने पर उठा कर पटक देते थे !
भरखरा गाँव के एक महिला ने बताया की एक बार वो 2 बजे रात को किसी त्योहार के दौरान पुवा बना रही थी तभी एक भुत वहाँ आया और वो भुत उनसे पुवा माँगने लगा तो उस महिला ने कहा कि जाओ कोई बर्तन लेकर आओ तभी न पुवा खाओगे तो वो भुत किसी के घर से बर्तन भी चुरा कर लाया फिर उस महिला ने उसे खाने के लिये पुवा दिया लेकिन वो बहुत सारा पुवा खा गया और लगातार एक के बाद एक पुवा खाने के लिये माँगता रहा इस पर महिला को गुस्सा आया और फिर उसने कहा की पुवा तो बहुत खा लिये अब पुवा का रस पिओगे तो भुत बोला हाँ पिऊँगा पुवा का रस तो महिला ने बोला फिर अपना मुँह खोलो भुत ने अपना मुँह खोला और फिर उस महिला ने उबलता हुवा तेल उसके मुँह में डाल दिया फिर वो भुत मेरा मुँह जला दिया रे मेरा मुँह जला दिया रे कहते हुये भाग गया और दुबारा कभी वापस नही आया !
भरखरा गाँव में एक पहलवान था उसके पास इतना बल था की वो छोटे पेड़ो को अकेले ही उखाड़ कर फेक देता था ! वो पहलवान हर सुबह गाँव के पोखरा पर व्यायाम करने के लिये जाता था ! एक दिन की बात है की उस पहलवान की नींद 12 बजे रात में ही टूट गई लेकिन उनको लगा की सुबह के 3 बज चुके हैं तो वह पहलवान व्यायाम करने के लिये पोखरा पर चल पड़े जब वहाँ पर पहुँच कर व्यायाम करने लगे तो उनको बरहम ने घेर लिया और कहा की तुम्हारे शरीर में ज्यादा ताकत हो गई है तो आ मुझसे पहलवानी कर और वो बरहम उस पहलवान से रात भर लड़ता रहा और इनको पूरी रात उठा उठा कर पटकता रहा ये पहलवान पूरी तरह बेहोश हो गये जब सुबह हुई तो गाँव वालो ने देखा और उन्हें उठा कर उनके घर पर लाये ! इसके बाद गाँव वालों ने मिलकर चुड़ैल, भुत और बरहम से छुटकारा पाने के लिये एक बजरंगबली के मंदिर की स्थापना की और वहाँ पर रोज पूजा अर्चना शुरू कर दी गई ! भरखरा गाँव के कई महिलाओं और पुरुषों का कहना है की उन्होंने कई बार बजरंगबली को गाँव के उस मंदिर में उड़कर आते हुये देखा है और कई लोगों ने ऐसा भी कहा है की उन्होंने बजरंग बली को गाँव में भ्रमण करते हुए भी देखा है ! उसके बाद से भरखरा गाँव में चुड़ैल, भुत और बरहम का दिखना बंद हो गया और वो सब धीरे धीरे विलुप्त हो गये !
भरखरा गाँव में पोखरा के खुदाई के समय भरखरा गाँव के एक धोबी को एक छोटा सा हिरा का टुकड़ा मिला था जिसको वो धोबी अपने गदहे के गले में पहनाकर गदहों को चराता रहता था ! उस धोबी को ये मालुम नहीं था की वो टुकड़ा हिरा का है और वो छोटा सा टुकड़ा बहुत कीमती है ! एक दिन वो धोबी अपने गदहों को लेकर पास के गाँव में ईंट ढोने के लिये गया और वो ईंट ढोने का काम पास के गाँव के गली में करने लगा ! तभी उसके गदहे के गले में लटके हुवे हिरे के टुकड़े पर उस गाँव के सुनार की नज़र पड़ी और उसने बहुत ही कम कीमत देकर उस हिरे के टुकड़े को खरीद लिया और उसके बाद वो सुनार बहुत अमीर बन गया !
भरखरा गाँव में लगभग 100 साल पहले ब्रिटिश आर्मी का एक हवाई जहाज इंजन ख़राब होने के कारण गिर गया था वो जहाज जहाँ गिरा था अभी भी वहाँ खुदाई करने पर उस जहाज के अंश मिलते हैं !
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